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Shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने https://shiv-chalisa-lyrics-in-hi97266.evawiki.com/9028999/a_simple_key_for_shiv_chalisa_lyrics_in_bengali_unveiled

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