धूप देय अरु जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेशा । ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ और महत्व जन के काज विलम्ब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै। By chanting this mantra with utmost devotion and sincerity, one can tap into https://free-kundli34433.liberty-blog.com/32882925/examine-this-report-on-hanuman-mantra