ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं ठः ठः (अमुका) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥ ॐ नमो कामाख्या देवी नमो वश्य्मे कुरु कुरु स्वाहा विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई https://davidj431pzi2.blogaritma.com/36101439/facts-about-free-love-spell-hindi-revealed